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Success Story: 8 लाख से 100 करोड़ का सफर, पढ़े सफलता की यह कहानी - Sarkari Naukri Bihar
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Success Story: 8 लाख से 100 करोड़ का सफर, पढ़े सफलता की यह कहानी

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Success Story: आज हम आप सभी को अपने इस लेख के माध्यम से आप सभी को एक ऐसे युवक के बारे में बतानें जा रहें हैं जिसने 25 साल की उम्र में सफलता प्राप्त कर लिया था. हम बात कर रहे हैं ईशान सिंह बेदी की जिन्होंने 25 साल की उम्र में लॉजिस्टिक्स का बिजनेस शुरू किया था.

हम आपको बता दें कि, उन्होंने साल 2007 में सिर्फ 8 लाख रुपये, 3 कर्मचारी और एक ट्रक से शुरुआत की थी. आज के समय में उनकी कंपनी में 700 कर्मचारी और 200 ट्रक हैं. उनकी कंपनी का टर्नओवर करीब 100 करोड़ रुपये है. हम आपको बताएंगे ईशान स‍िंंह बेदी की सफलता की कहानी (Success Story).

Success Story: पिता से हो गई थी अनबन

हम आपको बता दें कि, ईशान स‍िंंह बेदी की कंपनी का नाम सिंक्रोनाइज्‍ड सप्लाई सिस्टम्स लिमिटेड है. जब देश में थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स (3PL) का बोलबाला बढ़ा तब उनकी कंपनी ने भी तरक्की की. धीरे-धीरे उनके ट्रक के साथ गोदाम का स्पेस भी बढ़ता गया.

ईशान दिल्ली के रहने वाले हैं. उनके कंपनी का पहले साल टर्नओवर 78 लाख रुपये था. 2013 आते-आते इसने 50 करोड़ रुपये का आंकड़े को छू लिया. ईशान ने पिता से अनबन के बाद 25 साल की उम्र में पारिवारिक बिजनेस छोड़ दिया था.

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8 लाख से अपनी लॉजिस्टिक्‍स कंपनी शुरू की

ईशान के पिता की कंपनी कस्टम क्लियरेंस और फ्रेट फॉरवर्डिंग का काम करती थी। ईशान ने गुरुग्राम के इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट से बैंकिंग और फाइनेंस में ग्रेजुएशन किया है। पढ़ाई के वक्‍त से ही उन्होंने अपने पिता की कंपनी में काम करना शुरू कर दिया था।

ईशान ने 2007 में अपने परिवार के सामने अपनी लॉजिस्टिक्स कंपनी शुरू करने की इच्छा जताई. इससे परिवार वाले ज्‍यादा खुश नहीं हुए थे. फिर भी उन्होंने ईशान को 8 लाख रुपये की पूंजी दी. इस तरह उन्‍होंने सिंक्रोनाइज्‍ड सप्लाई सिस्टम्स लिमिटेड की शुरू किया.

Success Story

वेयरहाउसिंग पर किया फोकस

हम आपको बता दें कि, ईशान ने ट्रकिंग और वेयरहाउसिंग पर ध्यान दिया क्योंकि फ्रेट (फॉरवर्डिंग) के अलावा यह बिजनेस का सबसे बड़ा हिस्सा है. जिसके पास 2007 में कुछ ट्रक खरीदने के लिए पैसे होते थे, वह भी ट्रांसपोर्टर बन जाता था.

Success Story: तेजी से बनाई अपनी जगह

उस वक्त ट्रकिंग इंडस्ट्री में ज्‍यादा पढ़े-लिखे लोग नहीं थे. ज्‍यादातर लोगों का काम तो सिर्फ जान-पहचान के दम पर ही काम चलाते थे. हालांकि, ईशान सिंह बेदी ने अपनी कंपनी शुरू करने के पहले ही साल 78 लाख रुपये का टर्नओवर हासिल कर लिया था.

लेकिन, शुरुआत के तीन साल काफी मुश्किल भरे रहे थे. 1 ट्रक और 3 कर्मचारियों के साथ शुरू हुई इस कंपनी में आज 700 कर्मचारी काम करते हैं और 200 ट्रक हैं. कंपनी का टर्नओवर करीब 100 करोड़ रुपये का है.

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